शनिवार, 11 अक्तूबर 2008

हाइकु

बिके सांसद
भारत की गरिमा
क्या सरकार?

गुरुवार, 2 अक्तूबर 2008

हाइकु

जीवन हिस्सा
गुलाब संग कांटे
यही है सत्य

गुरुवार, 25 सितंबर 2008

हाइकु

बिके सांसद
भारत की गरिमा
क्या सरकार?

मंगलवार, 16 सितंबर 2008

हाइकु

ये आरक्षण
वोट की राजनीति
देश विकास

हाइकु

आतंकवाद
सीमा पे गोलीबारी
आस पड़ौस

शुक्रवार, 12 सितंबर 2008

लाचार भगवान

गांधी ने इस देश को आजाद कराया
सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया
गांधी टोपी ने नसीहत को यादगार बनाया
मुन्ना भाई ने भी गांधीगिरी का पाठ दोहराया
गांधी को अपनी पीढ़ी का आभास नहीं था
सत्य,अहिंसा को पाठ्यक्रम से हटा दियाअ
हिंसा का ’अ‘ हटा सत्य पे लगा दिया
देश को असत्य,हिंसा की राह पे चला दिया
नसीहत की गांधी टोपी को भी उतार दिया
अब तक था इंसान भगवान भरोसे
अच्छा हो जाए तो भगवान का दिया
बुरा हो जाए तो भगवान की रज़ा
अब इस देश में भगवान भी लाचार नज़र आया
छा रहा उसके दर पे आतंक और मौत का साया
उसके भी मुकुट,छत्र और वस्त्र चोरी हो रहे
न्यायालय के हाकिम भी अब तो यह कह रहे
भगवान भी अब तो देश की मदद कर नहीं सकता
उसके भरोसे न रहे इस देश की जनता

शनिवार, 6 सितंबर 2008

आरक्षण

जब से देश में आया ये आरक्षण
इस देश का भक्षक बन गया ये आरक्षण
पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण
दिख रहे हैं देश विभाजन के लक्षण
पहले थे सिर्फ हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख और ईसाई
कहते थे हम सब जिनको भाई भाई
आरक्षण से अब ये कहावतें बदल गईं
चार नही चालीस जातियां बन गईं
सीमाएं जातियों से विभाजित हो गईं
नेताओं की भी सीटें आरक्षित हो गईं
जातियों के दम पें जीत सुनिश्चित हो गई

नेता फेंक रहे हैं ये कैसी कैसी गोटियां
आरिक्षितों के मुंह में दे रहे हैं बोटियां
आबाद कर दी इनकी की पीढियों की पीढ़ियां
बुद्धिजीवियों पर लगा रहे हैं कसौटियां
और फाड़ रहे हैं इनकी लंगोटियां
दुनिया में जाना जाने वाला सोने की चिड़िया
बरबाद कर दी इसकी पीढ़ियों की पीढ़ियां
पहले सुना था सिर्फ रेल और बस में आरक्षण
आजकल पैदा होते ही सुनिश्चित है आरक्षण
इंजनीयरिंग और डॉक्टरी में आरक्षण

राजनीति और उच्च शिक्षा में आरक्षण
नौकरी और पदोन्नति में भी आरक्षण
यहां वहां सब जगह मिलता है आरक्षण
नहीं तो केवल जीने मरने में आरक्षण
नेताओं को नहीं दिया गया ऐसा प्रशिक्षण
नहीं तो ये दे दें जीने मरने में भी आरक्षण